राम मंदिर, अयोध्या — यह भारत के सबसे पवित्र और ऐतिहासिक धार्मिक स्थलों में से एक है। यह मंदिर भगवान श्रीराम के जन्मस्थान पर बना है और हिंदू धर्म के श्रद्धालुओं के लिए आस्था, संस्कृति और सनातन परंपरा का प्रतीक है।
राम मंदिर, अयोध्या – एक परिचय
विषय | विवरण |
स्थान | अयोध्या, उत्तर प्रदेश (सरयू नदी के तट पर) |
समर्पित | भगवान श्रीराम (रामलला) |
वास्तुकला शैली | नागर शैली (उत्तर भारतीय मंदिर वास्तुशिल्प) |
संरचना का स्वरूप | भव्य, तीन मंजिला पत्थर का मंदिर |
निर्माण कार्य प्रारंभ | 5 अगस्त 2020 (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भूमि पूजन) |
रामलला की प्राण–प्रतिष्ठा | 22 जनवरी 2024 को सम्पन्न हुई |
पौराणिक महत्ता
- भगवान श्रीराम, जो भगवान विष्णु के सातवें अवतार हैं, उनका जन्म त्रेतायुग में अयोध्या के राजा दशरथ और रानी कौशल्या के घर हुआ था।
- यह स्थल उन्हीं का जन्मस्थान माना जाता है और इसलिए इसे “राम जन्मभूमि” कहा जाता है।
राम मंदिर का इतिहास (संक्षेप में)
प्राचीन काल:
- वाल्मीकि रामायण, स्कंद पुराण, और अन्य ग्रंथों में अयोध्या को राम जन्मभूमि के रूप में वर्णित किया गया है।
- कहा जाता है कि यहाँ पहले भी एक भव्य राम मंदिर था।
मध्यकाल (1528):
मुगल सेनापति मीर बाकी ने इस स्थान पर बाबरी मस्जिद का निर्माण कराया।
माना जाता है कि यह मंदिर को ध्वस्त करके बनाई गई थी।
समकालीन इतिहास:
1992: बाबरी मस्जिद का विध्वंस हुआ।
2010: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जन्मभूमि को तीन हिस्सों में बाँटने का निर्णय दिया।
9 नवंबर 2019: भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला दिया कि पूरी जमीन राम जन्मभूमि न्यास को दी जाएगी और मस्जिद के लिए अलग स्थान (5 एकड़) देने का निर्देश हुआ।
राम मंदिर का निर्माण और विशेषताएं
विशेषता | विवरण |
लंबाई | 360 फीट |
चौड़ाई | 235 फीट |
ऊँचाई | 161 फीट (शिखर सहित) |
मंज़िलें | 3 |
स्तंभ | लगभग 392 सुंदर नक्काशीदार स्तंभ |
मुख्य मूर्ति | रामलला (भगवान राम के बाल रूप में) |
वास्तु सामग्री | गुलाबी बलुआ पत्थर, बिना लोहे के निर्माण |
रामलला की प्राण–प्रतिष्ठा (22 जनवरी 2024)
यह भारत के इतिहास की एक ऐतिहासिक और भावनात्मक घटना थी।
पूरे भारत और विश्वभर में दर्शन, आरती, कीर्तन और दीप जलाकर उत्सव मनाया गया।
मंदिर में प्रतिष्ठित रामलला की मूर्ति को कर्नाटक के मूर्तिकार योगीराज अरुणाचलम ने तैयार किया था।
राम मंदिर के साथ विकसित परिसर
राम कथा संग्रहालय
ध्यान केंद्र
भव्य प्रवेश द्वार (राम द्वार)
वृंदावन गार्डन, सरयू घाट का सौंदर्यीकरण
श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद और सुविधाएं
माध्यम | विवरण |
रेल मार्ग | अयोध्या धाम जंक्शन देश के प्रमुख शहरों से जुड़ा है |
हवाई मार्ग | महाराजा श्रीराम एयरपोर्ट, अयोध्या (नया एयरपोर्ट चालू है) |
सड़क मार्ग | लखनऊ, गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज से सीधा मार्ग उपलब्ध |
राम मंदिर दर्शन समय
प्रातः 7:00 बजे से रात्रि 9:00 बजे तक
रामलला के मंगला आरती, शृंगार आरती, भोग आरती, और शयन आरती होते हैं
विशेष पर्वों (जैसे रामनवमी) पर विशेष उत्सव और भव्य आयोजन होते हैं
राम मंदिर का आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व
यह मंदिर हिंदू अस्मिता और श्रद्धा का प्रतीक है।
यहाँ हर श्रद्धालु को धैर्य, भक्ति, और धर्म का मार्ग मिलता है।
श्रीराम का जीवन आदर्श, मर्यादा और धर्म का सबसे बड़ा उदाहरण है।