भगवान गणेश जी ( Ganesh ji )हिंदू धर्म के सबसे लोकप्रिय, पूजनीय और प्रथम आराध्य देवता माने जाते हैं। उन्हें “विघ्नहर्ता” (विघ्नों को दूर करने वाले) और “सिद्धिविनायक” (सफलता देने वाले) कहा जाता है। कोई भी शुभ कार्य या पूजा गणेश वंदना के बिना शुरू नहीं होती।

गणेश जी का परिचय जानिए Bhagwan Ganesh ji ka parichaye janiye

नाम:- गणेश, गणपति, बिघ्नहर्ता, एकदन्त लम्बोदर, सिद्धिविनायक
माता – पिता :- माता पारवती और भगवन शिव जी
वाहन :- मूषक ( चूहा )
आयुध \ चिन्ह एकदन्त यानि ( एक दांत ), बड़ा पेट ( लम्बोदर ), हाथ में मोदक, अंकुश, पाश
सवारी:- मूषक ( चूहा ) यानि जोह चतुराई और नियन्त्र का प्रतिक हैं

गणेश जी का उत्पति की कथा

माँ पार्वती ने अपने उबटन से एक बालक की रचना की और उसे दरवाजे पर प्रहरी बनाकर स्नान करने चली गईं। उस समय भगवान शिव आए, लेकिन भगवान गणेश जी ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया। गुस्से में आकर शिव जी ने Ganesh ji का सिर काट दिया। जब माँ पार्वती को पता चला, तो वे क्रोधित और दुखी हुईं। तब शिव जी ने हाथी का सिर लाकर Ganesh ji को जीवनदान दिया। इस कारण से गणेश जी का मुख हाथी का है।

गणेश जी के गुण और प्रतिक

हाथी का सर: बुद्धिमत्ता, विशाल सोच
बड़ा पेट (लंबोदर): सब कुछ सहने और पचाने की क्षमता
मोदक: आनंद और मिठास का प्रतीक
एकदंत: अपूर्णता में भी पूर्णता
मूषक वाहन: इंद्रियों पर नियंत्रण और चतुराई

गणेश जी की पूजा और व्रत

गणेश चतुर्थी: भाद्रपद मास की शुक्ल चतुर्थी को गणेश जी का जन्मदिवस मनाया जाता है।
संकष्टी चतुर्थी: हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को व्रत रखा जाता है।
शुभ कार्य से पहले: विवाह, गृहप्रवेश, व्यापार आदि में सबसे पहले गणेश पूजन होता है।

गणेश मंत्र और श्लोक

मूल मंत्र: ॐ गं गणपतये नमः ॥

श्लोक: वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभः।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥

भगवान गणेश जी का सबसे बड़ा मंदि

चिंतामन गणेश टेम्पल गणेश जी के मंदिर

गणेश जी के सबसे प्रसिद्ध मंदिर कौन से हैं

सिद्धिविनायक मंदिर हैं
जोह की महाराष्ट्र के मुंबई में स्थित हैं
और यह गणेश जी के सबसे बड़े मंदिरो में भी शामिल हैं
और यहाँ भारत ही नहीं बिदेसो से भी लोग आतें हैं

सिद्धिविनायक मंदिर की जानकारी

🛕 मंदिर का इतिहास:

  • सिद्धिविनायक मंदिर की स्थापना 19 नवम्बर 1801 को हुई थी।

  • इसे लक्ष्मण विठु और देउबाई पाटिल नामक श्रद्धालुओं ने बनवाया था।

  • मंदिर की स्थापना के समय यह एक बहुत ही छोटा भवन था, लेकिन आज यह एक विशाल और भव्य मंदिर बन चुका है।


🙏 भगवान गणेश की मूर्ति:

  • गणेश जी की प्रतिमा काले पत्थर से बनी है और यह स्वयंभू (स्वतः प्रकट हुई) मानी जाती है।

  • गणेश जी की सूंड दाईं ओर मुड़ी हुई है (जो बहुत दुर्लभ होती है) और प्रतिमा के दोनों ओर उनकी पत्नियाँ – रिद्धि और सिद्धि विराजमान हैं।

  • यह मूर्ति अत्यंत दिव्य और चमत्कारी मानी जाती है।


विशेषताएँ और मान्यताएँ:

  1. इच्छा पूर्ति Ganesh ji का मंदिर:
    मान्यता है कि जो भक्त सच्चे मन से प्रार्थना करता है, उसकी मनोकामना अवश्य पूर्ण होती है।

  2. राजनेताओं और सेलिब्रिटीज़ की आस्था:
    देश के कई बड़े नेता, अभिनेता, खिलाड़ी और बिजनेसमैन इस मंदिर में Ganesh ji के दर्शन करने आते हैं।
    जैसे – लता मंगेशकर, अमिताभ बच्चन, सचिन तेंदुलकर, अंबानी परिवार, आदि।

  3. मंगलवार का विशेष महत्व:
    हर मंगलवार को लाखों की संख्या में श्रद्धालु Ganesh ji दर्शन हेतु आते हैं।
    भक्तजन कोकोनट (नारियल), फूल, और मोदक चढ़ाकर पूजा करते हैं।

  4. विश्वास की प्रतीक – नवसाचा गणपति:
    लोग इस मंदिर को “नवसाचा गणपति” कहते हैं, जिसका अर्थ है – जो मनोकामना को पूरा करें।


🕰️ मंदिर खुलने का समय:

  • सोमवार से शुक्रवार: सुबह 5:30 बजे से रात 10:00 बजे तक

  • मंगलवार: सुबह 3:15 बजे से रात 12:30 बजे तक (विशेष पूजा और दर्शन)

  • शनिवार/रविवार: सुबह 5:30 बजे से रात 10:00 बजे तक


📍 कैसे पहुँचे:

  • निकटतम रेलवे स्टेशन: दादर (पश्चिम), वहाँ से ऑटो या टैक्सी द्वारा

  • निकटतम बस स्टॉप: प्रभादेवी

  • हवाई अड्डा: छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (लगभग 12-15 किमी दूर)


🧭 पर्यटकों के लिए सुझाव:

 

  • दर्शन के लिए सुबह जल्दी जाएँ, विशेषकर मंगलवार को भीड़ से बचने के लिए।

  • मोबाइल और कैमरा मंदिर परिसर में प्रतिबंधित हैं।

  • ऑनलाइन दर्शन और दान की सुविधा भी उपलब्ध है (मंदिर की आधिकारिक वेबसाइट पर)।

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