🔱 परिचय
काशी विश्वनाथ Kashi Vishwanath मंदिर भारत के प्राचीनतम और सबसे पवित्र शिव मंदिरों में से एक है, जो उत्तर प्रदेश के वाराणसी (काशी) नगर में स्थित है। यह मंदिर बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है और भगवान शिव को समर्पित है। काशी को मोक्षदायिनी नगरी माना जाता है और यहाँ मृत्यु को भी सौभाग्य समझा जाता है। ऐसा विश्वास है कि भगवान शिव स्वयं यहां निवास करते हैं और मृत्यु के बाद वे भक्तों के कान में ‘राम नाम’ का जाप कराकर उन्हें मोक्ष प्रदान करते हैं।
📖 इतिहास और पौराणिक कथा
काशी विश्वनाथ Kashi Vishwanath मंदिर का उल्लेख प्राचीन ग्रंथों जैसे स्कंद पुराण, शिव पुराण और काशी खंड में भी मिलता है। इसकी स्थापना का श्रेय आदिकालीन राजा हरिश्चंद्र या दिवोदास को दिया जाता है। मंदिर कई बार विध्वंस और पुनर्निर्माण का शिकार हुआ।
- सबसे पहले मुगल शासक औरंगजेब ने इस मंदिर को ध्वस्त करवाकर उसी स्थान पर ज्ञानवापी मस्जिद बनवाई।
- वर्तमान मंदिर का निर्माण मराठा महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने 1777 ई. में करवाया।
- बाद में महाराजा रणजीत सिंह (पंजाब) ने मंदिर के शिखर को 800 किलोग्राम शुद्ध सोने से मढ़वाया।
यह मंदिर आज भी हिंदू पुनर्जागरण और आस्था का प्रतीक माना जाता है।
🛕 मंदिर की वास्तुकला
काशी विश्वनाथ Kashi Vishwanath मंदिर द्रविड़ और नागर शैली का मिश्रण है। इसका शिखर सोने से आच्छादित है, जो दूर से ही चमकता है। मंदिर में स्थित विश्वनाथ लिंग लगभग 60 सेंटीमीटर ऊँचा और चांदी के चौकोर जलहरी में प्रतिष्ठित है।
मंदिर परिसर में कई उपमंदिर भी हैं जैसे:
- अविमुक्तेश्वर मंदिर
- कालभैरव मंदिर
- अनнапूर्णा देवी मंदिर
- सप्तऋषि मंदिर
- विनायक मंदिर
मंदिर परिसर में स्थित ज्ञानवापी कुआँ को अत्यंत पवित्र माना जाता है, कहा जाता है कि मंदिर पर आक्रमण के समय मुख्य शिवलिंग को इसी कुएँ में छिपाया गया था।
🙏 धार्मिक महत्व
काशी विश्वनाथ Kashi Vishwanath मंदिर केवल एक धार्मिक केंद्र नहीं, बल्कि मोक्षदायिनी ऊर्जा का केंद्र है। मान्यता है कि काशी में मृत्यु होने पर आत्मा को पुनर्जन्म नहीं मिलता और उसे मोक्ष प्राप्त होता है। इसे अविमुक्त क्षेत्र कहा जाता है, जहां भगवान शिव स्वयं निवास करते हैं।
- श्रावण मास, महाशिवरात्रि और सोमवार के दिन विशेष रूप से यहाँ लाखों श्रद्धालु दर्शन हेतु आते हैं।
- यहाँ रुद्राभिषेक, महामृत्युंजय जाप और विशेष पूजा अनुष्ठान कराए जाते हैं।
🗓️ मुख्य उत्सव और आयोजन
काशी विश्वनाथ Kashi Vishwanath मंदिर में पूरे वर्ष विविध धार्मिक आयोजन होते हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:
- महाशिवरात्रि: भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह का उत्सव, रातभर रुद्राभिषेक व भजन होते हैं।
- श्रावण मास: पूरे महीने शिवलिंग पर जलाभिषेक व कांवड़ यात्रा का आयोजन।
- प्रत्येक सोमवार: भगवान शिव के अभिषेक हेतु भारी भीड़ उमड़ती है।
- अन्य पर्व: दीपावली, होली, नववर्ष आदि पर भी विशेष सजावट और आरती होती है।
🌐 काशी विश्वनाथ कॉरिडोर (नया विकास)
हाल ही में भारत सरकार द्वारा काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर परियोजना का निर्माण करवाया गया है। इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 13 दिसंबर 2021 को किया गया।
इस परियोजना के अंतर्गत:
- मंदिर से गंगा नदी के घाट तक सीधा मार्ग बनाया गया।
- मंदिर का क्षेत्रफल 5 लाख वर्ग फीट तक फैला।
- आधुनिक सुविधाएं जैसे सुरक्षा, जलपान, विश्रामगृह और प्रदर्शनी स्थल विकसित किए गए।
🛣️ कैसे पहुंचे काशी विश्वनाथ मंदिर?
रेल मार्ग: वाराणसी रेलवे स्टेशन से मंदिर लगभग 5 किमी दूर है।
वायु मार्ग: लाल बहादुर शास्त्री हवाई अड्डा से मंदिर की दूरी लगभग 25 किमी है।
सड़क मार्ग: वाराणसी शहर देश के सभी प्रमुख शहरों से सड़क द्वारा जुड़ा हुआ है।
मंदिर पहुँचने के लिए ऑटो, रिक्शा, टैक्सी या पैदल रास्ते से भी जाया जा सकता है।
🌟 निष्कर्ष
काशी विश्वनाथ Kashi Vishwanath मंदिर न केवल शिवभक्तों के लिए, बल्कि सभी हिंदुओं के लिए एक महान आध्यात्मिक धरोहर है। यह मंदिर भक्ति, आस्था, मोक्ष और भारतीय संस्कृति का प्रतीक है। काशी के घाटों की गूंज, मंदिर की घंटियों की ध्वनि और गंगा की लहरें, मिलकर एक ऐसा माहौल बनाते हैं जिसे शब्दों में नहीं, केवल अनुभव में महसूस किया जा सकता है।