🛕 परिचय:

ओंकारेश्वर मंदिर Omkareshwar mandir मध्यप्रदेश राज्य के खंडवा जिले में स्थित एक प्राचीन और अत्यंत पवित्र हिन्दू तीर्थ स्थल है। यह मंदिर भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। ओंकारेश्वर का अर्थ है – “ॐ (ओंकार) का ईश्वर”, और इस स्थान को आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत शक्तिशाली और चमत्कारी माना जाता है।

ओंकारेश्वर मंदिर Omkareshwar mandir नर्मदा नदी के बीचों-बीच स्थित एक पवित्र द्वीप पर बना हुआ है, जिसकी आकृति “ॐ” (ओम्) जैसी दिखाई देती है। यह स्थल न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि प्राकृतिक सौंदर्य और वास्तुकला की दृष्टि से भी अत्यंत आकर्षक है।


🌍 स्थान:

  • राज्य: मध्य प्रदेश
  • जिला: खंडवा
  • नदी: नर्मदा नदी
  • स्थान: मंधाता पर्वत (नर्मदा के बीच द्वीप पर)
  • निकटतम स्टेशन: ओंकारेश्वर रोड
  • निकटतम हवाई अड्डा: इंदौर (लगभग 77 किलोमीटर दूर)

📖 पौराणिक कथा:

ओंकारेश्वर Omkareshwar mandir से जुड़ी कई पौराणिक कथाएं हैं। इनमें सबसे प्रसिद्ध कथा निम्नलिखित है:

🕉️ ऋषि नारद की कथा:

ऋषि नारद ने एक बार पृथ्वी पर धर्म के पतन और अधर्म की वृद्धि को देखकर भगवान शिव से प्रार्थना की कि वे किसी पवित्र स्थान पर प्रकट हों और धर्म की पुनः स्थापना करें। भगवान शिव ने नर्मदा नदी के तट पर स्थित मंधाता पर्वत पर प्रकट होकर वहां ज्योतिर्लिंग के रूप में स्वयं को स्थापित किया। तभी से इस स्थान को ओंकारेश्वर कहा जाने लगा।

👑 राजा मंधाता की तपस्या:

एक अन्य कथा के अनुसार, राजा मंधाता, जो सूर्यवंश के राजा थे, ने भगवान शिव की घोर तपस्या की। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने यहाँ ज्योतिर्लिंग रूप में दर्शन दिए। इसी कारण यह पर्वत मंधाता पर्वत के नाम से जाना जाता है।


🛕 मंदिर की वास्तुकला और विशेषताएं:

  • ओंकारेश्वर मंदिर नागर शैली की वास्तुकला में बना है।
  • मंदिर पांच मंजिला है और इसमें भगवान शिव का स्वयंभू शिवलिंग स्थित है।
  • शिवलिंग काले पत्थर का है और नर्मदा जल से अभिषेक किया जाता है।
  • मंदिर में भगवान गणेश, पार्वती, कार्तिकेय और नंदी की मूर्तियाँ भी हैं।
  • मंदिर के पास से नर्मदा की दो धाराएँ बहती हैं, जो आध्यात्मिक रूप से “शिव और शक्ति” का प्रतीक मानी जाती हैं।

🔱 ओंकारेश्वर और अमलेश्वर (ममलेश्वर):

ओंकारेश्वर धाम में दो प्रमुख शिवलिंग पूजित होते हैं:

  1. ओंकारेश्वर – जो मंधाता द्वीप पर स्थित है और ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रतिष्ठित है।
  2. अमलेश्वर (ममलेश्वर) – जो नर्मदा के दूसरी ओर स्थित है और यह भी उतना ही पवित्र माना जाता है।

कई धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ओंकारेश्वर और ममलेश्वर को मिलाकर ही यह ज्योतिर्लिंग पूर्ण होता है।


🌅 तीर्थयात्रा और विशेष पर्व:

ओंकारेश्वर धाम पर पूरे वर्ष लाखों श्रद्धालु आते हैं। खासकर निम्नलिखित पर्वों पर यहाँ विशाल श्रद्धालुओं की भीड़ होती है:

  • महाशिवरात्रि – भगवान शिव का प्रमुख उत्सव, हजारों भक्त जलाभिषेक के लिए आते हैं।
  • श्रावण मास – कांवड़िए जल लेकर भगवान शिव को अर्पित करते हैं।
  • नवरात्र – शक्ति की उपासना का समय, माता पार्वती के विशेष अनुष्ठान होते हैं।
  • नर्मदा जयंती – नर्मदा नदी की पूजा का पर्व, विशेष महाआरती होती है।

🚩 अन्य दर्शनीय स्थल:

  1. नर्मदा घाट – भक्त यहाँ स्नान कर पवित्र जल ग्रहण करते हैं।
  2. गोमुख घाट – यहाँ से नर्मदा जल प्रवाहित होता है, इसे अत्यंत पवित्र माना जाता है।
  3. सिद्धनाथ मंदिर – प्राचीन स्थापत्य का सुंदर उदाहरण।
  4. गौतमेश्वर गुफाएं – ऐतिहासिक और पुरातात्त्विक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थल।
  5. त्रिवेणी संगम – तीन नदियों का संगम स्थल, अत्यंत पूज्य।

🧘‍♂️ आध्यात्मिक महत्व और साधना:

  • ओंकारेश्वर को तप और साधना की भूमि कहा जाता है।
  • यहाँ आदिगुरु शंकराचार्य ने बाल्यकाल में ही अपने गुरु गोविंदपादाचार्य से दीक्षा ली थी।
  • यह स्थान वेदांत, तंत्र और योग की साधना के लिए प्रमुख केंद्र रहा है।

🛣️ कैसे पहुँचे:

  • रेल मार्ग: निकटतम स्टेशन ओंकारेश्वर रोड (Omkareshwar Road) है, जो खंडवा और इंदौर से जुड़ा है।
  • सड़क मार्ग: इंदौर, उज्जैन, खंडवा से नियमित बस सेवाएं उपलब्ध हैं।
  • हवाई मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा इंदौर (Devi Ahilyabai Holkar Airport) है।

🌸 पूजा-पद्धति और दर्शन व्यवस्था:

  • श्रद्धालु स्वयं भी शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र अर्पित कर सकते हैं।
  • VIP दर्शन, आरती में भागीदारी, और पूजन के लिए स्थानीय पुजारियों की सहायता ली जा सकती है।
  • मंदिर में सुबह 5 बजे से रात 9 बजे तक दर्शन होते हैं।

🕊️ निष्कर्ष:

ओंकारेश्वर मंदिर Omkareshwar mandir केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि भक्ति, साधना और शांति का केंद्र है। यह स्थल नर्मदा नदी की गोद में बसा हुआ एक दिव्य तीर्थ है जहाँ आने वाला हर भक्त शिवमय होकर लौटता है। यहाँ का वातावरण, गंगा-जैसी नर्मदा की पावन धारा, और “ॐ नमः शिवाय” की गूंज हर आत्मा को आध्यात्मिक उन्नति की ओर ले जाती है।

🔱 “ॐ नमः शिवाय”
जय ओंकारेश्वर महादेव!

 

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