माँ लक्ष्मी जी हिंदू धर्म में धन, समृद्धि, ऐश्वर्य, सौभाग्य, और सौंदर्य की देवी हैं। वे भगवान विष्णु की पत्नी हैं और उन्हें वैष्णवी शक्ति माना जाता है। माँ लक्ष्मी का उल्लेख वेदों से लेकर पुराणों तक हर स्थान पर मिलता है, और वे त्रिदेवी — सरस्वती, पार्वती, और लक्ष्मी — में एक प्रमुख देवी हैं।

विषयविवरण
नामलक्ष्मी (संस्कृत शब्द “लक्ष्य” से, अर्थ: लक्ष्य, उद्देश्य, लक्ष्य की प्राप्ति की शक्ति)
पतिभगवान विष्णु
वाहनउल्लू (सावधानी और अंधकार में भी ज्ञान की प्रतीक)
वस्त्रलाल या गुलाबी वस्त्र, स्वर्ण आभूषण
हाथों मेंकमल, स्वर्ण मुद्राएँ, आशीर्वाद मुद्रा

माँ लक्ष्मी की उत्पत्ति

माँ लक्ष्मी का जन्म समुद्र मंथन के समय हुआ था। जब देवता और असुर मिलकर समुद्र का मंथन कर रहे थे, तब कई रत्नों के साथ माँ लक्ष्मी भी प्रकट हुईं। वे कमल के फूल पर विराजमान थीं, इसीलिए उन्हें कमला भी कहा जाता है।

जैसे ही वे प्रकट हुईं, सभी देवताओं ने उनका स्वागत किया, और उन्होंने भगवान विष्णु को अपना पति रूप में चुना।

माँ लक्ष्मी के प्रमुख रूप (8 रूपअष्टलक्ष्मी)

माँ लक्ष्मी के कई रूप हैं, जिनमें से प्रमुख 8 को अष्टलक्ष्मी कहा जाता है

रूपविवरण
आदि लक्ष्मीआध्यात्मिक समृद्धि की देवी
धन लक्ष्मीधन और संपत्ति की देवी
धान्य लक्ष्मीअन्न और कृषि की देवी
गजा लक्ष्मीऐश्वर्य और शाही वैभव
संतान लक्ष्मीसंतान प्राप्ति और पालन की देवी
वीर लक्ष्मीवीरता और साहस
विद्या लक्ष्मीज्ञान और शिक्षा
विजय लक्ष्मीसफलता और विजय की देवी

माँ लक्ष्मी की पूजा

दीपावली (Diwali): माँ लक्ष्मी की पूजा का सबसे बड़ा पर्व — कार्तिक अमावस्या को लक्ष्मी पूजन किया जाता है।

शुक्रवार: लक्ष्मी जी को समर्पित माना जाता है। भक्त उपवास रखते हैं और लक्ष्मी स्तोत्र पढ़ते हैं।

महालक्ष्मी व्रत: भाद्रपद मास में विशेष व्रत।

लक्ष्मी पूजन में उपयोगी मंत्र

श्लोक:

श्लोक:
सर्वमङ्गलमाङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तुते॥

लक्ष्मी बीज मंत्र:

लक्ष्मी बीज मंत्र:
ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः॥

माँ लक्ष्मी का प्रतीकात्मक अर्थ

प्रतीकअर्थ
कमल का फूलसंसार में रहते हुए भी निर्मल रहना
स्वर्ण सिक्केनिरंतर समृद्धि और धन
चार हाथधर्म, अर्थ, काम, मोक्ष
उल्लूसावधानी और सतर्कता से धन का प्रयोग

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